आरटीओ कार्यालय में बैठे हैं दलाल ,करते हैं सभी सरकारी कार्य

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आरटीओ ने दलालों के हाथों बेच दी अपनी कुर्सी ,बिना दलाली कोई कार्य नहीं
उच्च अधिकारी कब करेंगे इस विभाग पर कार्यवाही ,या ऐसे ही होती रहेगी इस कार्यालय में दलाली
जनपद गाजियाबाद: प्रदेश सरकार कितने भी वादे करले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लेकिन वादे हमेशा खोखले साबित हुए हैं ,दलालों ने हर क्षेत्र में ऐसा नेटवर्क बना रखा है कि इन दलालों के बिना आप कोई भी कार्य नहीं कर सकते ऐसा ही एक मामला जनपद गाज़ियाबाद के आरटीओ कार्यालय से है यहां आरटीओ ने अपनी कुर्सी को दलालों को बेच दिया है यहाँ कोई भी कार्य बिना दलालों के नहीं होता है ,आरटीओ से मिलने से लेकर लाइसेंस तक का ठेका दलाल लेते हैं
जितने भी गाज़ियाबाद आरटीओ कार्यालय में कमरे हैं सभी में दलाल बैठते हैं ,अलग अलग कार्य का अलग अलग रुपयों में ठेका लेते हैं दलाल कमरा नम्बर 9 में राज नौशाद दलाल पिछले कई वर्षों से गाड़ी परमिट का कार्य देखता है इसके बिना आरटीओ भी कोई कार्य नहीं करते ,कमरा नम्बर 12 में कासिम और कमलेश दलाल चालान का कार्य देखते हैं कोई भी चालान इनकी बिना दलाली के नहीं भरता कई वर्षों से इनकी दलाली चल रही है ,कमरा नम्बर 16 में आसिफ आरटीओ की नए फॉर्म फीडिंग का कार्य करता है इसकी बिना दलाली के आप नया ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकते ,कमरा नम्बर 18 में सुनील त्यागी हैवी रजिस्ट्रेशन का कार्य देखता है ,इसकी बिना दलाली के हैवी लाइसेंस नहीं बन सकता ,ऐसे जितने भी कमरे हैं उन सब में दलाल बैठे हैं और बिना दलाली के कोई कार्य नहीं होता आम जनता बहुत परेशान है ,इस कार्यालय में दर्जनों दलाल अपनी गुंडागर्दी एंव धमक से गरीब लोगों से रुपया ऐंठते हैं ,यह दलाल कई वर्षों से अपना सिक्का जमाए बैठे हुए हैं ,जिस कार्य की फीस 200 या 300 रुपए होती है उसके 5000 तक बसूले जाते हैं ,लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इन सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से इतना बड़ा कार्य क्यों हो रहा है ,अब देखना होगा कि क्या इस गाज़ियाबाद आरटीओ कार्यालय पर उच्च अधिकारियों द्वारा दलाली बन्द हो सकती है या नहीं ,या फिर ऐसे ही दलाली के अड्डे बना रहेगा आरटीओ कार्यालय ।
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